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आई.वी.एफ. (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) असफल होने के अनेक कारण हो सकते हैं, परन्तु कुछ मुख्य कारण होते हैं जिनसे हमें विशेष ध्यान देना चाहिए। इन कारणों का अध्ययन करने से हम असफलता से बचने के लिए आवश्यक कदम उठा सकते हैं। चलिए, आइये विस्तार से जानते हैं वो 10 कारण जिनकी वजह से IVF होता है फेल।
निराशा, आशंका, और विफलता की भावनाएं, IVF की प्रक्रिया के दौरान कई जोड़ियों का सामना होता है। अक्सर, उन्हें यह नहीं पता होता कि क्या वे सही दिशा में जा रहे हैं या नहीं। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं वो 10 कारण जिनकी वजह से IVF होता है फेल।
गर्भाशय की स्थिति एक बहुत महत्वपूर्ण कारण है IVF की असफलता का। यदि गर्भाशय की दीवारों में कोई विकृति होती है, जैसे फ़ाइब्रॉयड्स या पॉलिप्स, तो यह गर्भ ठहरने में बाधा डाल सकती है। एक अध्ययन के अनुसार, अधिकांश IVF की असफलताएं गर्भाशय की अस्थिरता के कारण होती हैं।
अच्छी गुणवत्ता के अंडाणु और शुक्राणु आवश्यक होते हैं। अगर ये गुणवत्ता में कमी होती है, तो IVF की सफलता कम हो सकती है। उम्र, धूम्रपान, शराब, और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं इनकी गुणवत्ता पर असर डाल सकती हैं। एक अध्ययन के अनुसार, 40 वर्ष की उम्र के बाद महिलाओं के डिम्ब की गुणवत्ता में गिरावट होती है जो IVF की असफलता का मुख्य कारण हो सकता है
IVF के लिए चुने गए क्लिनिक और उनके डॉक्टरों की योग्यता, अनुभव, और कुशलता भी IVF की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। आपको एक पेशेवर और प्रमाणित IVF केंद्र का चयन करना चाहिए जो अपने उपचार की गुणवत्ता मानकों का पालन करता है।
हार्मोनी असंतुलन भी IVF की सफलता पर असर डाल सकता है। असंतुलित हार्मोन अंडाणु और शुक्राणु के विकास को बाधित कर सकते हैं और इसे नियंत्रित करने के लिए मेडिकेशन की आवश्यकता हो सकती है।
चिंता, तनाव, और अवसाद भी IVF की सफलता पर प्रभाव डाल सकते हैं। यह माना जाता है कि आवेगी स्वास्थ्य समस्याएं शुक्राणु की संख्या और गुणवत्ता पर सीधे प्रभाव डाल सकती हैं।
उम्र भी IVF की सफलता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती है। 35 वर्ष की उम्र के बाद महिलाओं में डिम्ब की संख्या और गुणवत्ता में गिरावट शुरू होती है। इसी प्रकार, पुरुषों में भी 40 वर्ष की उम्र के बाद शुक्राणु की संख्या और मोटिलिटी में कमी आती है।
धूम्रपान, शराब का सेवन, अत्यधिक कैफीन, और अनियमित शरीरिक गतिविधियां भी IVF की सफलता को प्रभावित कर सकती हैं।
संतुलित आहार का अभाव, विटामिन और मिनरल की कमी, अत्यधिक या कम वजन भी IVF की सफलता पर प्रभाव डाल सकती हैं।
महिलाओं के अनियमित मासिक धर्म IVF की सफलता पर प्रभाव डाल सकते हैं। यह मासिक धर्म के अनियमितता के कारण गर्भाशय की स्वस्थ तंत्रिका को प्रभावित कर सकती है, जिससे IVF की सफलता कम हो सकती है।
आपके शरीर में कोई छुपा हुआ रोग जैसे कि स्थूलता, मधुमेह, थायरॉइड आदि होना, यह भी IVF की सफलता को बाधित कर सकता है।
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आईवीएफ की असफलता के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि गर्भाशय की अवस्था, अंडाणु और डिम्ब की गुणवत्ता, हार्मोनी असंतुलन, उम्र, और आवेगी समस्याएं।
35 वर्ष की उम्र के बाद महिलाओं में डिम्ब की संख्या और गुणवत्ता में गिरावट होती है। इसी प्रकार, पुरुषों में भी 40 वर्ष की उम्र के बाद शुक्राणु की संख्या और मोटिलिटी में कमी आती है।
धूम्रपान अंडाणु और डिम्ब की गुणवत्ता को प्रभावित करता है, जो आईवीएफ की सफलता को प्रभावित कर सकता है।
हाँ, असंतुलित हार्मोन अंडाणु और डिम्ब के विकास को बाधित कर सकते हैं, जो आईवीएफ की सफलता पर प्रभाव डाल सकता है।
हाँ, चिंता, तनाव, और अवसाद शुक्राणु की संख्या और गुणवत्ता पर सीधे प्रभाव डाल सकते हैं, जो आईवीएफ की सफलता को प्रभावित कर सकता है।
आपके शरीर में कोई छुपा हुआ रोग जैसे कि स्थूलता, मधुमेह, थायरॉइड आदि होना, यह भी IVF की सफलता को बाधित कर सकता है।
जी हां, धूम्रपान, शराब का सेवन, अत्यधिक कैफीन, और अनियमित शरीरिक गतिविधियां IVF की सफलता को प्रभावित कर सकती हैं।
संतुलित आहार का अभाव, विटामिन और मिनरल की कमी, अत्यधिक या कम वजन भी IVF की सफलता पर प्रभाव डाल सकती हैं।
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