रसोली, एक ऐसा शब्द जिसे सुनते ही कई महिलाएं चिंतित हो जाती हैं। यह शब्द महिलाओं के गर्भाशय में होने वाले उत्तरजननीय रोगों में से एक का संकेत करता है। आइए जानते हैं “रसोली” के बारे में अधिक।
रसोली क्या होती है?
रसोली गर्भाशय की दीवार में उत्पन्न होने वाली असामान्य गांठ होती है। यह अधिकांश महिलाओं में पाई जाती है और यदि यह बड़ी न हो तो आमतौर पर इससे दर्द नहीं होता।
रसोली कैसे होती है: रसोली तब होती है जब गर्भाशय की मासपेशीयां अत्यधिक वृद्धि करती हैं।
रसोली क्यों होती है: इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे जेनेटिक कारण, हार्मोनल असंतुलन या अन्य उत्तरजननीय समस्याएँ।
हार्मोनीयल असंतुलन: महिलाओं में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का असंतुलन रसोली का कारण बन सकता है।
वंशानुगत: कई बार, यदि परिवार में किसी अन्य महिला को रसोली हुई हो, तो आपको भी हो सकती है।
गर्भाशय की अन्य बीमारियां: जैसे की अधीक अवसादन या अधिक बढ़ाव, ये सभी रसोली के विकसन में योगदान कर सकते हैं।
शारीरिक असंतुलन: जैसे की अत्यधिक मोटापा।
जीवनशैली संबंधित कारण: अन्य जीवनशैली संबंधित कारण जैसे की अत्यधिक तनाव, असंतुलित आहार, और अनियमित जीवन शैली।
पानी वाली रसोली: यह वह प्रकार की रसोली है जिसमें तरल पदार्थ भरा होता है।
रसोली के लक्षण और इलाज
रसोली कई प्रकार की हो सकती है और इसके लक्षण भी विभिन्न होते हैं।
रसोली के लक्षण और उसके प्रकार:
गर्भाशय में दर्द: यह सबसे आम लक्षण है जो महिलाओं को महसूस होता है।
मासिक धर्म की अनियमितता: अधिक या कम ब्लीडिंग की स्थिति हो सकती है।
पेट में सूजन: कई बार पेट में अधिक सूजन देखने को मिलता है।
मूत्र सम्बंधित समस्याएं: जैसे की अधिक बार मूत्र आना।
कमर दर्द: इसे भी कई महिलाएं महसूस करती हैं।
पेट में भारीपन: अकेले या लंबे समय तक बैठने पर पेट में भारीपन महसूस हो सकता है।
अचानक वजन बढ़ना: कई महिलाएं रसोली के होने पर अचानक वजन में वृद्धि की स्थिति को देखती हैं।
संभोग में दर्द: संभोग के समय अधिक दर्द हो सकता है, जो पहले नहीं होता था।
पाचन संबंधित समस्याएं: जैसे की कब्ज या दस्त।
अन्य स्थलों पर दर्द: जैसे की जाँघों में दर्द या श्रोणि में दर्द।
रसोली के प्रकार
रसोली, जो गर्भाशय में उत्पन्न होती है, अक्सर बिना किसी लक्षण के होती है और यह समस्या तब तक पता नहीं चलती जब तक यह बड़ी नहीं हो जाती या जब किसी अन्य कारण से चिकित्सा जाँच होती है। रसोली के विभिन्न प्रकार होते हैं:
अच्छी प्रकृति की रसोली (बेनाइग्न ट्यूमर्स):
म्योमा (Myomas): ये सबसे आम प्रकार की रसोली होती है जो गर्भाशय की मांसपेशियों में उत्पन्न होती है। इसे फाइब्रॉएड्स भी कहा जाता है।
सिस्ट्स (Cysts): ये ओवेरियन सिस्ट्स के रूप में जानी जाती है और यह अंडाशय में पायी जाती है।
पोलिप्स (Polyps): ये गर्भाशय की अंदरूनी परत पर उत्पन्न होते हैं और ये छोटे आकार की होती हैं।
बुरी प्रकृति की रसोली (मैलिग्नेंट ट्यूमर्स):
जब रसोली कैंसर रूप में विकसित होती है, तो इसे मैलिग्नेंट रसोली कहा जाता है। ये रसोलियाँ अधिक घातक होती हैं और त्वरित चिकित्सा की जरूरत होती है।
बोर्डरलाइन रसोली (Borderline tumors):
ये रसोलियाँ अच्छी प्रकृति और बुरी प्रकृति के बीच में होती हैं। इनमें कैंसर की संभावना होती है, लेकिन वे सामान्यतया बेनाइग्न होते हैं।
रसोली के प्रकार और उसके लक्षण पर निर्भर करते हुए, चिकित्सा की सलाह लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि आपको लगता है कि आपको किसी प्रकार की रसोली है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
सभी रसोलियां खतरनाक नहीं होतीं। अधिकांश अच्छी प्रकृति की होती हैं, लेकिन कुछ मामलों में बुरी प्रकृति की रसोली भी हो सकती है। इसलिए, डॉक्टर की सलाह जरूरी होती है।
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