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हम भारत IVF Fertility क्लिनिक से आपका स्वागत करते हैं, जहां हम आपको गर्भाशय और आयवीएफ से संबंधित सभी जानकारी और समाधान प्रदान करते हैं। आइए गहराई से समझते हैं कि गर्भाशय क्या होता है और इससे संबंधित क्या समस्याएँ हो सकती हैं। यदि आप गर्भाशय की समस्याओं से परेशान हैं, तो आप बिल्कुल सही जगह पहुंचे हैं।
गर्भाशय, जिसे महिलाओं में गर्भ को समयावधि के दौरान सुरक्षित रखने का काम करने वाला मुख्य अंग भी कहा जाता है, महिलाओं के शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
गर्भाशय मासिक धर्म चक्र के दौरान एक अंडाणु को निषेचित करता है। यदि गर्भधारण होता है, तो गर्भाशय भ्रूण को समयावधि के दौरान सुरक्षित रखता है और बाद में प्रसव के लिए तैयार होता है।
गर्भाशय आकार और आकृति में एक बड़े नाशपाति के समान होता है, जिसका ऊपरी हिस्सा (गर्भाशय की गर्भ) चौड़ा होता है और निचला हिस्सा (सर्विक्स) पतला होता है।
गर्भाशय आपके शरीर के निचले हिस्से में स्थित होता है, योनि और मूत्राशय के बीच।
गर्भाशय को तीन प्रमुख तत्वों से बनाया गया है: एंडोमेट्रियम (अंदरी तह), माइोमेट्रियम (मध्यम तह) और पेरिमेट्रियम (बाहरी तह)।
सामान्य गर्भाशय का आकार लगभग 7.6 सेमी (3 इंच) लंबा और 4.5 सेमी (1.8 इंच) चौड़ा होता है।
गर्भावस्था के दौरान, गर्भाशय में भारी वृद्धि होती है और यह अपने मूल आकार से कई गुना बड़ा हो जाता है।
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गर्भाशय, या उतेरस, महिलाओं के गुप्तांग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और यह एक प्रमुख श्रवणांग होता है। यह गर्भधारण, गर्भावस्था, और प्रसव के लिए महत्वपूर्ण है। अनेक प्रकार की गर्भाशय संबंधी समस्याएं हो सकती हैं, जो उपचार के लिए विभिन्न विधियां मांगती हैं। स्वास्थ्य जागरूकता और नियमित चेकअप महत्वपूर्ण हैं, ताकि इन समस्याओं का पता चल सके और उपचार किया जा सके।
गर्भाशय, या उतेरस, महिलाओं के गुप्तांग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और यह एक प्रमुख श्रवणांग होता है।
गर्भाशय, गर्भधारण, गर्भावस्था, और प्रसव के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
गर्भाशय का निर्माण स्मूथ मसल उत्तक, परिसंचरणीय उत्तक, और कोलेजन से होता है। गर्भाशय की समस्याएं कैसी हो सकती हैं? गर्भाशय की समस्याएं जैसे पोलिकिस्टिक ओवरियन सिंड्रोम (PCOS), एंडोमेट्रियोसिस, फाइब्रॉयड, पेल्विक इनफ्लैमेटरी डिजीज, और गर्भाशय का कैंसर हो सकती हैं।
गर्भाशय की समस्याओं का उपचार दवाइयाँ, हार्मोन थेरेपी, उत्तेजना का उपचार, और सर्जरी हो सकता है।
अनियमित या अधिक मासिक धर्म, योनि से रक्तस्राव, यौन संबंध स्थापित करते समय दर्द, पेट में सूजन और दर्द हो सकते हैं।
फाइबर युक्त, प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ, ओमेगा-3 फैटी एसिड, और विटामिन और मिनरल्स युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करना चाहिए।
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