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इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) प्रक्रिया में, ब्लास्टोसिस्ट का इम्प्लांटेशन और विकास महत्वपूर्ण कदम हैं। हालांकि, कई बार ऐसा होता है कि ब्लास्टोसिस्ट इम्प्लांट और ग्रो करने में असफल हो जाते हैं। इस लेख में, हम शीर्ष 5 कारणों का पता लगाएंगे कि क्यों ऐसा होता है और विशेषज्ञों की राय जानेंगे।
ब्लास्टोसिस्ट एक ऐसा चरण है जिसमें भ्रूण सामान्यत: निषेचन के पाँच से छह दिनों बाद पहुँचता है। इस समय तक, भ्रूण में लगभग 200-300 कोशिकाएँ होती हैं।
ब्लास्टोसिस्ट इम्प्लांटेशन और विकास में कई कारण होते हैं जो उनकी सफलता को प्रभावित कर सकते हैं। विशेषज्ञ की राय और उचित चिकित्सा देखरेख से इन समस्याओं का समाधान संभव है। अधिक जानकारी और व्यक्तिगत मार्गदर्शन के लिए [www.indiaivf.in](http://www.indiaivf.in) पर जाएं और हमारे फर्टिलिटी विशेषज्ञों से परामर्श करें।
ब्लास्टोसिस्ट इम्प्लांट फेल होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि भ्रूण की गुणवत्ता, गर्भाशय की स्थिति, हार्मोनल असंतुलन, स्वास्थ्य समस्याएं और जीवनशैली।
हाँ, भ्रूण की गुणवत्ता को सुधारने के लिए स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और तनाव प्रबंधन महत्वपूर्ण हैं।
गर्भाशय की रिसेप्टिविटी बढ़ाने के लिए हार्मोनल थेरापी, स्वस्थ जीवनशैली और डॉक्टर की सलाह माननी चाहिए।
हार्मोनल असंतुलन का इलाज हार्मोनल थेरापी और उचित आहार से किया जा सकता है।
हाँ, एंडोमेट्रियोसिस का इलाज सर्जरी और दवाओं से किया जा सकता है।
यूटेराइन फाइब्रॉइड्स का इलाज सर्जरी, दवाओं और हार्मोनल थेरापी से किया जा सकता है।
धूम्रपान और शराब का सेवन रोकने के लिए चिकित्सा सलाह और सहायता समूह मददगार हो सकते हैं।
हाँ, स्वस्थ आहार से शरीर में पोषण की कमी दूर होती है, जिससे ब्लास्टोसिस्ट की सफलता बढ़ सकती है।
ब्लास्टोसिस्ट ट्रांसफर के बाद आराम करें, स्वस्थ आहार लें और तनाव से दूर रहें।
डॉक्टर की भूमिका महत्वपूर्ण होती है क्योंकि वे उचित थेरापी और सलाह देते हैं जिससे ब्लास्टोसिस्ट इम्प्लांटेशन सफल हो सकता है।
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