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जब हम फाइब्रॉइड यूटरस की बात करते हैं, तो इसका मतलब होता है कि आपकी यूटरस (गर्भाशय) में नॉन-कैंसरस (Non-Cancerous) ग्रोथ्स हो गई हैं। इन्हें फाइब्रॉइड्स कहा जाता है। ये ग्रोथ्स अलग-अलग साइज और नंबर में हो सकती हैं, और ज्यादातर ये हानिकारक नहीं होतीं। लेकिन कभी-कभी ये परेशानी या फर्टिलिटी (Fertility) में दिक्कत पैदा कर सकती हैं। तो आइए, सरल भाषा में समझते हैं कि फाइब्रॉइड यूटरस का मतलब क्या है और इसका आपके स्वास्थ्य पर क्या असर हो सकता है।
फाइब्रॉइड यूटरस का मतलब है कि आपकी यूटरस में फाइब्रॉइड्स मौजूद हैं। ये फाइब्रॉइड्स या तो लियोमायोमा (Leiomyomas) या मायोमा (Myomas) भी कहे जाते हैं। ये मसल्स सेल्स (Muscle Cells) और अन्य टिश्यूज से बने होते हैं। इनका साइज बहुत छोटा हो सकता है, जैसे बीज का दाना, या बहुत बड़ा भी हो सकता है, जैसे तरबूज।
यहाँ कुछ कॉमन सिम्पटम्स दिए गए हैं जो फाइब्रॉइड यूटरस से जुड़े हो सकते हैं:
1. ज्यादा मात्रा में पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग
2. पेल्विक (Pelvic) में दर्द या प्रेशर
3. बार-बार पेशाब आने की समस्या
4. ब्लैडर (Bladder) खाली करने में दिक्कत
5. कब्ज
लेकिन बहुत सी महिलाओं को इसके कोई सिम्पटम्स महसूस नहीं होते।
कभी-कभी, फाइब्रॉइड यूटरस आपकी फर्टिलिटी (Fertility) को प्रभावित कर सकता है, खासकर अगर फाइब्रॉइड्स यूटरस की शेप को बिगाड़ते हैं या फेलोपियन ट्यूब्स (Fallopian Tubes) को ब्लॉक कर देते हैं। इससे एम्ब्रियो (Embryo) का इम्प्लांट होना और ग्रोथ करना मुश्किल हो सकता है। लेकिन अच्छी बात यह है कि इसके लिए ट्रीटमेंट्स उपलब्ध हैं, और बहुत सी महिलाएं फाइब्रॉइड्स के साथ भी स्वस्थ प्रेगनेंसी कर पाती हैं।
फाइब्रॉइड्स का ट्रीटमेंट इस बात पर निर्भर करता है कि वो कितने बड़े हैं, कहाँ हैं, और कौन से सिम्पटम्स पैदा कर रहे हैं। कुछ ऑप्शन्स इस प्रकार हैं:
फाइब्रॉइड यूटरस का मतलब समझना आपकी सेहत और फर्टिलिटी को मैनेज करने के लिए पहला कदम है। फाइब्रॉइड्स आमतौर पर नॉन-कैंसरस होते हैं, लेकिन कभी-कभी ये सिम्पटम्स पैदा कर सकते हैं जिन पर ध्यान देने की जरूरत होती है। अगर आपको इन सिम्पटम्स का सामना करना पड़ रहा है या फर्टिलिटी को लेकर कोई चिंता है, तो India IVF Fertility के विशेषज्ञों से संपर्क करें। वे आपकी जरूरतों के अनुसार पर्सनलाइज़्ड केयर और ट्रीटमेंट ऑप्शन्स उपलब्ध कराते हैं।
फाइब्रॉइड यूटरस का मतलब है कि आपकी यूटरस में नॉन-कैंसरस ग्रोथ्स (फाइब्रॉइड्स) हैं। ये ग्रोथ्स यूटरस की दीवारों में होते हैं और इनका साइज अलग-अलग हो सकता है।
हाँ, फाइब्रॉइड यूटरस फर्टिलिटी पर असर डाल सकता है, खासकर अगर फाइब्रॉइड्स यूटरस की अंदरूनी दीवार को प्रभावित करते हैं या फेलोपियन ट्यूब्स को ब्लॉक कर देते हैं।
फाइब्रॉइड्स का डायग्नोसिस पेल्विक एग्जाम (Pelvic Exam), अल्ट्रासाउंड (Ultrasound), या एमआरआई (MRI) के जरिये किया जाता है। अगर आपको सिम्पटम्स महसूस हो रहे हैं, तो डॉक्टर आपको ये टेस्ट करवाने की सलाह दे सकते हैं।
फाइब्रॉइड्स के लिए ट्रीटमेंट्स में मेडिकेशन (Medication) से लेकर सर्जिकल ऑप्शन्स (Surgical Options) जैसे मायोमेक्टॉमी (Myomectomy) शामिल हैं। इसके अलावा लाइफस्टाइल चेंजेस (Lifestyle Changes) भी सिम्पटम्स को कंट्रोल करने में मदद कर सकते हैं।
नहीं, फाइब्रॉइड्स आमतौर पर नॉन-कैंसरस होते हैं और मसल्स सेल्स व फाइबर्स टिश्यू से बने होते हैं। लेकिन ये कभी-कभी असुविधा और अन्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
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