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अरे, ये सवाल तो बहुत ही कॉमन है कि क्या बिना सर्जरी के यूटरस (uterus) को निकाला जा सकता है? बहुत सारी महिलाएं जो कम तकलीफ वाले ऑप्शन (options) ढूंढ रही हैं, उनके मन में ये सवाल आता ही है। वैसे सोचने में तो अच्छा लगता है कि बिना सर्जरी के काम हो जाए, लेकिन असल में मामला थोड़ा पेचीदा है। चलो, इसको थोड़ा अच्छे से समझते हैं।
अब देखो, सबसे पहले ये समझना ज़रूरी है कि किसी का यूटरस (uterus) क्यों निकालना पड़ता है। यूटरस फाइब्रॉइड्स (uterine fibroids), एंडोमेट्रियोसिस (endometriosis), और यूटरस का गिरना (uterine prolapse) जैसी प्रॉब्लम्स होती हैं, जिनके चलते हाइस्टरेक्टॉमी (hysterectomy) यानी यूटरस निकालने की ज़रूरत पड़ती है।
अब असली सवाल पर आते हैं: क्या यूटरस (uterus) को बिना सर्जरी के निकाला जा सकता है?सीधी बात ये है कि नहीं। लेकिन हां, ऐसी ट्रीटमेंट्स (treatments) हैं जो बिना सर्जरी के यूटरस से जुड़ी प्रॉब्लम्स को ठीक कर सकती हैं।
ये एक मिनिमली इनवेसिव (minimally invasive) प्रोसीजर है जिसमें फाइब्रॉइड्स की ब्लड सप्लाई (blood supply) को रोक दिया जाता है, जिससे वो छोटे हो जाते हैं।
ये नॉन-इनवेसिव (non-invasive) प्रोसीजर है जिसमें हाई-फ्रीक्वेंसी अल्ट्रासाउंड वेव्स (high-frequency ultrasound waves) से फाइब्रॉइड्स के टिश्यू (tissue) को डैमेज कर दिया जाता है।
इन सब ऑप्शंस के बावजूद कभी-कभी सर्जरी ही एकमात्र रास्ता होती है। अगर प्रॉब्लम्स जैसे कि बड़े फाइब्रॉइड्स, बिना कंट्रोल के ब्लीडिंग या कैंसर हो तो हाइस्टरेक्टॉमी (hysterectomy) ज़रूरी हो जाती है।
आखिर में, नॉन-सर्जिकल ट्रीटमेंट्स बहुत सारी यूटरस से जुड़ी प्रॉब्लम्स का इलाज कर सकती हैं, लेकिन यूटरस को पूरी तरह से हटाने का ऑप्शन नहीं है। अगर आपको गंभीर लक्षण या कंडीशन हो, तो डॉक्टर से मिलकर सभी ऑप्शंस पर विचार करें।
नहीं, अफसोस की बात है कि यूटरस (uterus) को बिना सर्जरी के नहीं निकाला जा सकता, लेकिन हां, कुछ नॉन-सर्जिकल (non-surgical) ट्रीटमेंट्स ज़रूर हैं जो यूटरस की प्रॉब्लम्स को कम कर सकती हैं।
रिस्क्स अलग-अलग हो सकते हैं, जैसे कि इलाज का पूरा न हो पाना, लक्षणों का फिर से आना, और साइड इफेक्ट्स जैसे हॉर्मोनल इम्बैलेंस (hormonal imbalance)।
हां, ये आमतौर पर सेफ है, लेकिन इसमें इंफेक्शन (infection) या भविष्य की फर्टिलिटी (fertility) पर असर पड़ने का रिस्क होता है।
मेडिकेशन (medication) से लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है, लेकिन ये परमानेंट सलूशन (permanent solution) नहीं होता।
अपने कंडीशन की गंभीरता, साइड इफेक्ट्स, भविष्य की फर्टिलिटी प्लान्स (fertility plans), और डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।
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