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माता-पिता बनने की इच्छा, हमारे जीवन के सबसे अनुभवी और सुखद पलों में से एक होती है। यह एक ऐसी यात्रा होती है जिसे हम बेहद प्यार और उत्साह के साथ आनंदित करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बच्चे कैसे पैदा होते हैं? और जुड़वा बच्चे कैसे पैदा होते हैं? चलिए, इस अद्भुत और जटिल प्रक्रिया की जांच करते हैं।
हमारे शरीर की कोशिकाओं में से हर एक की अपनी एक कहानी होती है, जो हमें बताती है कि बच्चे कैसे पैदा होते हैं। एक मादा और पुरुष के जीवाणु का मिलन, यानी निषेचन, जीवन की शुरुआत होती है। यह निषेचन क्रिया गर्भाशय के भीतर होती है, जहां नर शुक्राणु मादा अंडाणु से मिलता है।
यह एक जीवन की अद्वितीय यात्रा है, जिसे हम आश्चर्यचकित होकर देखते हैं।
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जब एक ही गर्भावस्था में दो या दो से अधिक बच्चे पैदा होते हैं, तो उन्हें जुड़वा बच्चे कहते हैं। यह तब होता है जब एक ही अंडाणु दो शुक्राणुओं से मिलता है या एक अंडाणु दो भागों में बाँट दिया जाता है।
जुड़वा बच्चों की उत्पत्ति एक अद्वितीय और रोमांचकारी घटना होती है, जिसे देखकर हमारा आश्चर्य और आदर बढ़ जाता है।
बच्चे की उत्पत्ति मादा और पुरुष के जीवाणु के मिलन से होती है। इस प्रक्रिया को निषेचन कहते हैं।
जुड़वा बच्चे तब पैदा होते हैं, जब एक ही अंडाणु दो शुक्राणुओं से मिलता है या एक अंडाणु दो भागों में बाँट दिया जाता है।
एकजजायी जुड़वा तब पैदा होते हैं, जब एक ही अंडाणु दो भागों में बाँट दिया जाता है, जबकि द्विजजायी जुड़वा तब पैदा होते हैं, जब दो अलग-अलग अंडाणु दो अलग-अलग शुक्राणुओं से मिलते हैं।
बच्चे की गर्भावस्था सामान्यतया नौ महीने, यानी करीब 40 सप्ताह तक रहती है।
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