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ब्लास्टोसिस्ट क्या है

ब्लास्टोसिस्ट क्या है? एक विस्तृत मार्गदर्शिका

| 11 Jul 2024 | 2466 Views |

Introduction

इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) की प्रक्रिया में, ब्लास्टोसिस्ट का चरण अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह जानना कि ब्लास्टोसिस्ट क्या है और इसका क्या महत्व है, आपको और आपके परिवार को सही निर्णय लेने में मदद कर सकता है। इस लेख में हम ब्लास्टोसिस्ट के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे और यह समझाएंगे कि यह IVF में कैसे काम करता है।

ब्लास्टोसिस्ट क्या है?

ब्लास्टोसिस्ट एक प्रारंभिक अवस्था का भ्रूण होता है जो निषेचन के पांच से छह दिनों बाद बनता है। इस अवस्था में, भ्रूण लगभग 200-300 कोशिकाओं का समूह होता है और इसमें दो प्रमुख प्रकार की कोशिकाएँ होती हैं:

1. आंतरिक कोशिका समूह (Inner Cell Mass): जो आगे चलकर भ्रूण का विकास करता है।
2. ट्रॉफोब्लास्ट (Trophoblast): जो प्लेसेंटा का निर्माण करता है।

ब्लास्टोसिस्ट का महत्व

ब्लास्टोसिस्ट का विकास और इसका अंतःवर्धन (Implantation) IVF प्रक्रिया की सफलता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यहां कुछ कारण दिए गए हैं कि क्यों ब्लास्टोसिस्ट महत्वपूर्ण है:

1. उच्च सफलता दर: ब्लास्टोसिस्ट स्थानांतरण (Transfer) से उच्चतम गर्भाधान दर प्राप्त होती है।
2. प्राकृतिक चयन: ब्लास्टोसिस्ट अवस्था तक पहुंचने वाले भ्रूण अधिक स्वास्थ्यप्रद और विकासशील होते हैं।
3. बेहतर समयानुकूलता: ब्लास्टोसिस्ट स्थानांतरण का समय अधिक समन्वित होता है, जो गर्भाशय की प्राकृतिक स्थिति के साथ मेल खाता है।

ब्लास्टोसिस्ट कैसे बनता है?

1. प्रथम दिन (Day 1): निषेचन होता है और युग्मज (Zygote) बनता है।
2. दूसरे और तीसरे दिन (Day 2-3): भ्रूण विभाजित होता है और 8-कोशिका अवस्था तक पहुंचता है।
3. चौथे दिन (Day 4): भ्रूण मोरुला (Morula) अवस्था में पहुंचता है।
4. पांचवे और छठे दिन (Day 5-6): मोरुला ब्लास्टोसिस्ट में बदलता है।
5. छठे और सातवे दिन (Day 6-7): ब्लास्टोसिस्ट गर्भाशय की दीवार में अंतःवर्धित होता है।

ब्लास्टोसिस्ट स्थानांतरण (Transfer) के फायदे

  • उच्च सफलता दर: ब्लास्टोसिस्ट स्थानांतरण से गर्भाधान दर अधिक होती है।
  • गर्भधारण की कम जोखिम: ब्लास्टोसिस्ट स्थानांतरण से एकल भ्रूण स्थानांतरण का अधिक उपयोग किया जा सकता है, जिससे मल्टीपल गर्भधारण का जोखिम कम होता है।
  • बेहतर समन्वयन: गर्भाशय की स्थिति के साथ बेहतर समयानुकूलता।

Conclusion

ब्लास्टोसिस्ट का विकास और गर्भाशय में इसका अंतःवर्धन IVF प्रक्रिया की सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस प्रक्रिया को समझकर आप बेहतर निर्णय ले सकते हैं और अपनी सफलता की संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं। अधिक जानकारी और व्यक्तिगत सलाह के लिए [www.indiaivf.in](http://www.indiaivf.in) पर जाएं और हमारे विशेषज्ञों से संपर्क करें।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

ब्लास्टोसिस्ट एक प्रारंभिक अवस्था का भ्रूण है जो निषेचन के पांच से छह दिनों बाद बनता है।

ब्लास्टोसिस्ट स्थानांतरण वह प्रक्रिया है जिसमें ब्लास्टोसिस्ट अवस्था का भ्रूण गर्भाशय में स्थानांतरित किया जाता है।

निषेचन के पांच से छह दिनों बाद।

यह अन्य भ्रूण स्थानांतरण की तुलना में अधिक होती है, लगभग 50-60%।

नहीं, यह भ्रूण की गुणवत्ता और प्रयोगशाला स्थितियों पर निर्भर करता है।

मोरुला एक प्रारंभिक अवस्था का भ्रूण है जिसमें लगभग 16-32 कोशिकाएँ होती हैं, जबकि ब्लास्टोसिस्ट में 200-300 कोशिकाएँ होती हैं और यह अधिक विकसित होता है।

उच्च सफलता दर, कम मल्टीपल गर्भधारण का जोखिम, और बेहतर समयानुकूलता।

गर्भाशय की दीवार की स्थिति और हार्मोनल स्तर ब्लास्टोसिस्ट के अंतःवर्धन को प्रभावित करते हैं।

कुछ जोखिम हो सकते हैं, जैसे कि गर्भाशय की दीवार में ब्लास्टोसिस्ट का सही से अंतःवर्धित न होना।

डॉक्टर की सलाह का पालन करें, स्वस्थ आहार लें, और तनाव से बचें।

About The Author
Dr. Richika Sahay

MBBS (Gold Medalist), DNB (Obst & Gyne), MNAMS, MRCOG (London-UK), Fellow IVF, Fellow MAS, Infertility (IVF) Specialist & Gynae Laparoscopic surgeon,[Ex AIIMS & Sir Gangaram Hospital, New Delhi]. Read more about me

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