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महिलाओं में अंडों की गुणवत्ता सुधारने के लिए फर्टिलिटी डाइट

| 04 Mar 2022 | 3420 Views |

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भोजन अर्थात डाइट का हमारे जीवन में एक बहुत बड़ा महत्व होता है और कहते हैं कि जैसा अन्न वैसा मन । महिलाओं के जीवन में भी कुछ इसी प्रकार से ही भोजन एवं डाइट प्लान बहुत बड़ी भूमिका होती है। महिलाओं को एक अच्छे गर्भ धारण करने के लिए अंड़ो का स्वस्थ होना बहुत ही आवश्यक माना गया है। जब कोई महिला गर्भधारण की कोशिश करती है तो ऐसी कई बातें होती हैं जो उसे जानना जरूरी होता है। गर्भधारण के पूर्व महिलाओं के अंडे यदि बहुत अच्छी क्वालिटी के हैं तो उनमें ब्लड सरकुलेशन बहुत अच्छा होता है, जिसके कारण गर्भधारण की संभावना अधिक बन जाती है।

इंडिया आईवीएफ एक्सपर्ट के अनुसार यदि महिलाएं अपनी लाइफस्टाइल एवं डाइट प्लान में थोड़े से बदलाव करके हेल्थी भोजन को अपनाती हैं। इससे उनका स्वास्थ्य काफी अच्छा रहेगा और साथ ही इस आहार के कारण उनके प्रजनन अंगों में काफी सुधार देखने को मिलेगा । इस कारण से महिला के गर्भवती या गर्भधारण करने की संभावना अधिक प्रबल हो जाएगी।

[/vc_column_text][vc_empty_space height=”10px”][vc_custom_heading text=”अंडे की गुणवत्ता में सुधार करना क्यों हैं जरूरी?” font_container=”tag:h2|font_size:30px|text_align:left|color:%23000000″][vc_empty_space height=”10px”][vc_column_text]

मेडिकल साइंस के अनुसार यदि महिलाओं के अंडे अच्छी क्वालिटी के होते हैं तो उनकी प्रजनन क्षमता बहुत अच्छी होती है। महिलाओं में अंडों का निर्माण ओवरी में होता है। महिलाओं की उम्र जैसे-जैसे अधिक होती जाती है उसी प्रकार से ओबरी को क्षमता धीरे धीरे से कमजोर होती चली जाती है। यह भी कहते हैं कि जिन महिलाओं की उम्र अधिक हो जाती है उनमें अंडों की संख्या में भी कमी देखी जाती है।

[/vc_column_text][vc_empty_space height=”10px”][vc_custom_heading text=”खानपान एवं डाइट प्लान के द्वारा कैसे सुधारें अंडो की गुणवत्ता” font_container=”tag:h2|font_size:30px|text_align:left|color:%23000000″][vc_empty_space height=”10px”][vc_column_text]

एक अच्छा आहार महिलाओं की प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में काफी मददगार होता है इसलिए जो महिलाएं बेबी प्लान या फिर गर्भधारण की कोशिश कर रही हैं उन्हें अपने डाइट प्लान में एक संतुलित आहार को जगह देना बहुत आवश्यक होता है। जिसके द्वारा महिलाओं की ओवरी और अंड़ो को बेहतर करने में काफी मदद मिलती है।

  • एवोकाडो – एवोकाडो को एक अच्छे फलों की श्रेणी में रखा गया है जिस में पाया जाने वाला अच्छी क्वालिटी का फैट अड़ो की क्वालिटी में बहुत ज्यादा सुधार लाता है। एवोकाडो में पाया जाने वाला फैट मानव शरीर के लिए बहुत ही लाभकारी ऐड साबित होता है। जोकि बहुत अच्छे प्रजनन स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए काफी मददगार साबित होता है। इस एवोकाडो को आप सैंडविच के साथ सलाद या फिर इसकी सॉस बनाकर आप उपयोग में लेती हैं तो यह आपके लिए काफी लाभकारी सिद्ध होने वाला है।
  • बींस और दाल – ओव्यूलेशन की समस्या को दूर करने के लिए आपको अपने भोजन में आयरन से युक्त पोषक तत्वों को शामिल करना चाहिए। बींस और दाल आयरन एवं विटामिन का एक अच्छा स्रोत माना गया है। जिसके द्वारा आप की प्रजनन क्षमता बहुत बढ़ जाती है। अपने भोजन में बींस और डालें इस प्रकार से शामिल कर सकते हैं। दालों के द्वारा सांभर और सूप बना कर आप इसका सेवन कर सकती हो।
  • विटामिन और मिनरल – सिलियम को एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में देखा जाता है जो कि फ्री रेडिकल्स को दूर करने में मदद करता है और एक स्वस्थ अंडा उत्पन्न करने में सहायक होता है। इसलिए अपने सलाद में इन्हें शामिल कर सकते हैं। सूखे फल एवं मेवों को भी अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं, क्योंकि यह विटामिन और मिनरल के एक अच्छे स्रोत माने जाते हैं। इनमें पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं ।
  • जिंक – जिंक को अपने डाइट प्लान में शामिल करके आप अपने अंडों की गुणवत्ता में सुधार कर सकती हैं। जिंक लेने के लिए आप तिल का प्रयोग कर सकती हैं क्योंकि दिल में पर्याप्त मात्रा में जिंक पाया जाता है। तिल के बीजों में उपस्थित मोनोसैचुरेटेड फैट प्रचुर मात्रा में होता है । जो आपके अंड़ो की गुणवत्ता में बेहतर सुधार करता है। तिल का सेवन आप काजू और बदाम के साथ भी कर सकते हैं इससे आपका टेस्ट भी काफी अच्छा हो जाएगा।
  • बेरीज – जामुन, स्ट्रॉबेरी, बेर, शहतूत में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं जोकि egg को फ्री रेडिकल्स से बचाने में काफी मददगार होते हैं। इनके द्वारा अंड़ो को सुरक्षा भी मिलती है। आप इन फलों का सेवन फ्रूट या फिर पर सलाद ने भी उपयोग कर सकते हैं। एक हफ्ते में यदि आप इन फलों को भोजन में तीन दिन शामिल करते हैं तो अंड़ो की गुणवत्ता में काफी सुधार होता है।
  • मैग्नीज, कैल्शियम एवं विटामिन – हरी सब्जियों को मैग्नीज, कैल्शियम एवं विटामिन ए का एक अच्छा स्रोत माना जाता है। हरी सब्जियों में पालक, केला एवं अन्य ऐसी सब्जियां हैं जिनको अपने भोजन में जगह देकर आप अपनी डाइट को एक बेस्ट डाइट बना सकती हैं। प्रतिदिन अपने भोजन में कम से कम ऐसे दो तीन सब्जियों को जरूर जगह दे जो कि अच्छे विटामिन एवं कैल्शियम से भरपूर हो।
  • अदरक – अदरक एक ऐसा औषधि खाद्य पदार्थ है जिसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी के गुण पाए जाते हैं। जो कि हमारे रक्त संचार को बढ़ाने में काफी सहायक होते हैं। इसके द्वारा मानव शरीर का पाचन तंत्र भी अच्छा रहता है। अदरक के सेवन से प्रजनन प्रणाली में काफी सुधार देखने को मिलता है। इसके प्रयोग से प्रजनन अंगों की सूजन में भी कमी आती है। अदरक को अपने डाइट में शामिल करने का सबसे बेस्ट तरीका है कि इसको आप अपनी चाय में डालकर उपयोग कर सकते हैं।
  • दालचीनी – दालचीनी के सेवन से अंडाशय को बेहतर किया जाता है जिसके द्वारा गर्भाशय से उत्तेजित होकर अंडों के उत्पादन में सहायक होता है। पीसीओएस से जिन महिलाओं को समस्या है वह दालचीनी को अपने भोजन में सम्मिलित करके हर रोज इसका सेवन कर सकती हैं।
  • पानी – पानी को खाद्य पदार्थ की श्रेणी में भले ही शामिल नहीं किया गया है परंतु यदि आप पानी का पर्याप्त मात्रा में सेवन करते हैं तो इससे आप के अंडों की गुणवत्ता बेहतर हो जाएगी। इसके लिए आपको प्रतिदिन 6 से 8 गिलास पानी अवश्य पीना है और जो भी पानी पिए वह पूरी तरह से साफ होना चाहिए। यह पानी प्लास्टिक की बोतलों में भरा न हो, क्योंकि प्लास्टिक की बोतलों में केमिकल पाए जाते हैं जो कि आप के अंडों के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकते हैं।

[/vc_column_text][vc_empty_space height=”10px”][vc_custom_heading text=”महिलाओं के अंडों की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए कुछ अन्य घरेलू उपाय एवं नुस्खे जिनको अपनाकर आप अपने अंडों की गुणवत्ता बढ़ा सकती हैं।
” font_container=”tag:h2|font_size:25px|text_align:left|color:%23000000″][vc_empty_space height=”10px”][vc_column_text]

  • जो महिलाएं अपने अंडों की क्वालिटी को बरकरार रखना चाहती हैं उन्हें कभी भी सिगरेट शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। सिगरेट शराब के सेवन से गर्भधारण की संभावना बहुत कम हो जाती है तथा प्रजनन क्षमता में कमी आती है और मासिक चक्र प्रभावित हो जाता है।
  • तनाव अथवा टेंशन लेने के कारण महिलाओं के शरीर में कोर्टिसोल एवं प्रोलेक्टिन जैसे हार्मोन का स्राव बढ़ने लगता है जिसके कारण ओव्यूलेशन का टाइम और अंड़ो के उत्पादन की प्रक्रिया में काफी गहरा प्रभाव पड़ता है। तनाव से दूर रहकर आप अन्य गतिविधियों को शामिल कर सकते हैं जैसे कि तैरना, घूमना, नृत्य करना एवं योग- प्राणायाम कर सकते हैं जिससे आप तनाव को अपने जीवन से दूर कर सकते हैं।

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About The Author
Dr. Richika Sahay

MBBS (Gold Medalist), DNB (Obst & Gyne), MNAMS, MRCOG (London-UK), Fellow IVF, Fellow MAS, Infertility (IVF) Specialist & Gynae Laparoscopic surgeon,[Ex AIIMS & Sir Gangaram Hospital, New Delhi]. Read more about me

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