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मोटापा और पुरुष बांझपन

मोटापा और पुरुष बांझपन: वजन बढ़ने से कैसे असर पड़ता है प्रजनन क्षमता पर

| 27 Aug 2024 | 180941 Views |

परिचय

क्या आप प्रजनन (fertility) से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं और सोच रहे हैं कि शायद आपका वजन इसकी वजह हो सकता है? अगर हां, तो आप अकेले नहीं हैं। आजकल मोटापा (obesity) एक बड़ी समस्या बन गया है, और इसका असर हमारे स्वास्थ्य पर सीधा पड़ता है, खासकर प्रजनन क्षमता पर।

पुरुषों के लिए, अधिक वजन (overweight) या मोटापा होने से बच्चे पैदा करने की क्षमता में काफी कमी आ सकती है। लेकिन अच्छी बात ये है कि सही तरीके से ध्यान देने पर आप अपनी प्रजनन क्षमता को सुधार सकते हैं और परिवार बढ़ाने के अपने सपने को पूरा कर सकते हैं।

इस आर्टिकल में हम मोटापा और पुरुष बांझपन (infertility) के रिश्ते को गहराई से समझेंगे, जानेंगे कि वजन बढ़ने से स्पर्म क्वालिटी (sperm quality) पर क्या असर पड़ता है, और वजन घटाकर प्रजनन क्षमता को कैसे बढ़ा सकते हैं। तो चलिए, इस सफर की शुरुआत करते हैं!

मोटापा और पुरुष बांझपन के बीच का कनेक्शन

मोटापा और पुरुष बांझपन के बीच एक गहरा संबंध है। रिसर्च बताती है कि जो पुरुष ओवरवेट या ओबेस होते हैं, उनमें प्रजनन संबंधी समस्याएं (fertility problems) होने की संभावना ज्यादा होती है। लेकिन ऐसा क्यों होता है?

  • बढ़ी हुई फैट सेल्स (Fat Cells): जब आपका वजन बढ़ता है, तो शरीर में फैट सेल्स भी बढ़ जाते हैं। ये सेल्स अधिक मात्रा में एस्ट्रोजन (estrogen) का उत्पादन करते हैं, जो पुरुषों में प्रजनन हॉर्मोन (reproductive hormones) के बैलेंस को बिगाड़ सकता है। इससे स्पर्म उत्पादन (sperm production) कम हो सकता है और स्पर्म क्वालिटी पर भी असर पड़ सकता है।
  • स्क्रोटल टेम्परेचर (Scrotal Temperature) में बढ़ोतरी: पेट के आस-पास की अधिक चर्बी स्क्रोटल टेम्परेचर को बढ़ा सकती है। स्पर्म उत्पादन के लिए शरीर के सामान्य तापमान से थोड़ा कम तापमान चाहिए होता है, इसलिए स्क्रोटल टेम्परेचर बढ़ने से स्पर्म क्वालिटी और क्वांटिटी (quantity) पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
  • लिबिडो (Libido) में कमी और यौन संबंधित समस्याएं: मोटापा अक्सर कम लिबिडो और इरेक्टाइल डिसफंक्शन (erectile dysfunction) से जुड़ा होता है, जो कि गर्भधारण (conception) में मुश्किलें पैदा कर सकता है।

मोटापा कैसे प्रभावित करता है स्पर्म क्वालिटी

प्रजनन के लिए स्पर्म की क्वालिटी उतनी ही जरूरी होती है जितनी कि उसकी मात्रा (quantity)। मोटापा स्पर्म क्वालिटी पर कई तरह से असर डाल सकता है:

1. स्पर्म काउंट में कमी: जिन पुरुषों का बॉडी मास इंडेक्स (BMI) ज्यादा होता है, उनमें स्पर्म काउंट (sperm count) कम होता है। इसका मतलब है कि अंडाणु (egg) को निषेचित करने के लिए कम स्पर्म उपलब्ध होते हैं, जिससे गर्भधारण की संभावना (chances of conception) घट जाती है।

2. स्पर्म मोटिलिटी (Motility) में कमी: स्पर्म मोटिलिटी का मतलब है कि स्पर्म अंडाणु की ओर कितनी तेजी से और कुशलता से बढ़ता है। मोटापा स्पर्म मोटिलिटी को कम कर सकता है, जिससे स्पर्म का अंडाणु तक पहुंचना और उसे निषेचित (fertilize) करना मुश्किल हो जाता है।

3. डीएनए डैमेज (DNA Damage) में बढ़ोतरी: मोटापा शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (oxidative stress) पैदा कर सकता है, जो स्पर्म सेल्स के डीएनए को नुकसान पहुंचा सकता है। इस नुकसान से प्रजनन क्षमता (fertility) कम हो सकती है और अगर गर्भधारण होता भी है तो मिसकैरेज (miscarriage) का खतरा बढ़ सकता है।

मोटापा से होने वाले हॉर्मोनल असंतुलन

हॉर्मोन्स (hormones) प्रजनन को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और मोटापा इन हॉर्मोन्स को असंतुलित कर सकता है। यहाँ कैसे:

  • टेस्टोस्टेरोन (Testosterone) का स्तर कम होना: टेस्टोस्टेरोन पुरुषों का मुख्य सेक्स हॉर्मोन है जो स्पर्म उत्पादन के लिए जिम्मेदार होता है। मोटापा टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम कर सकता है, जिससे स्पर्म उत्पादन और प्रजनन क्षमता दोनों पर असर पड़ता है।
  • एस्ट्रोजन (Estrogen) का स्तर बढ़ना: जैसा कि पहले बताया गया है, फैट सेल्स एस्ट्रोजन का उत्पादन करते हैं, जो पुरुषों में प्रजनन हॉर्मोन्स के बैलेंस को बिगाड़ सकता है। एस्ट्रोजन के बढ़े हुए स्तर से स्पर्म उत्पादन में कमी आ सकती है और प्रजनन क्षमता घट सकती है।
  • इंसुलिन रेजिस्टेंस (Insulin Resistance): मोटापा अक्सर इंसुलिन रेजिस्टेंस की ओर ले जाता है, जिसमें शरीर की सेल्स इंसुलिन के प्रति सही से प्रतिक्रिया नहीं देती हैं। इंसुलिन रेजिस्टेंस से हॉर्मोनल असंतुलन हो सकता है जो स्पर्म उत्पादन और प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक असर डाल सकता है।

लाइफस्टाइल का पुरुष प्रजनन पर असर

आपकी लाइफस्टाइल के चुनाव आपके प्रजनन क्षमता पर गहरा असर डाल सकते हैं। यहाँ कुछ लाइफस्टाइल फैक्टर्स हैं जो मोटापे से ग्रस्त पुरुषों की प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं:

1. डाइट (Diet): प्रोसेस्ड फूड्स, शुगर और अनहेल्दी फैट्स से भरपूर डाइट मोटापा और प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक असर डाल सकती है। वहीं, फल, सब्जियां, होल ग्रेन्स और लीन प्रोटीन से भरपूर संतुलित आहार वजन प्रबंधन और प्रजनन क्षमता को बेहतर बना सकता है।

2. व्यायाम (Exercise): नियमित शारीरिक गतिविधि (physical activity) स्वस्थ वजन बनाए रखने और प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए जरूरी है। व्यायाम हॉर्मोन्स को संतुलित रखने, तनाव को कम करने और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करता है, जो प्रजनन क्षमता को बढ़ा सकता है।

3. तनाव प्रबंधन (Stress Management): क्रोनिक स्ट्रेस हॉर्मोन्स को असंतुलित कर सकता है, जिससे प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। योग, मेडिटेशन और डीप ब्रीदिंग जैसी तकनीकों से तनाव को प्रबंधित किया जा सकता है और गर्भधारण की संभावना को बढ़ाया जा सकता है।

प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए वजन घटाने के कारगर तरीके

अगर आप अपनी प्रजनन क्षमता को लेकर चिंतित हैं और इसे सुधारने के लिए कदम उठाना चाहते हैं, तो वजन प्रबंधन एक बेहतरीन शुरुआत है। यहाँ कुछ कारगर तरीके हैं:

1. यथार्थवादी लक्ष्य सेट करें: त्वरित परिणामों की बजाय धीरे-धीरे और स्थायी वजन घटाने का लक्ष्य रखें। अपने शरीर के वजन का सिर्फ 5-10% कम करना भी प्रजनन क्षमता में सुधार ला सकता है।

2. संतुलित आहार अपनाएं: पूरे और पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों पर ध्यान दें जो वजन घटाने और समग्र स्वास्थ्य का समर्थन करते हैं। क्रैश डाइट्स से बचें, जो अधिक नुकसान पहुंचा सकती हैं।

3. नियमित रूप से सक्रिय रहें: अपनी दिनचर्या में नियमित शारीरिक गतिविधि शामिल करें। हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट मध्यम व्यायाम जैसे ब्रिस्क वॉकिंग या साइकिलिंग का लक्ष्य रखें।

4. समर्थन लें: अगर आप अकेले वजन घटाने में कठिनाई महसूस करते हैं, तो एक डाइटिशियन, पर्सनल ट्रेनर से सहायता लें, या वजन घटाने के समर्थन समूह में शामिल हों।

मोटापे से पीड़ित पुरुषों में बांझपन को दूर करने के मेडिकल उपाय

कई मामलों में, केवल लाइफस्टाइल बदलाव बांझपन की समस्याओं को दूर करने के लिए पर्याप्त नहीं होते। मोटापे से ग्रस्त पुरुषों में बांझपन को दूर करने के लिए मेडिकल उपाय भी उपलब्ध हैं:

  • दवाइयां (Medications): कुछ दवाइयां हॉर्मोन्स को संतुलित करने और स्पर्म उत्पादन को बढ़ाने में मदद कर सकती हैं। आपका डॉक्टर आपके लिए सबसे उपयुक्त विकल्पों के बारे में सुझाव दे सकता है।
  • असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजीज (ART): IVF और ICSI जैसी तकनीकें गर्भधारण में मदद कर सकती हैं, खासकर अगर मोटापे के कारण स्पर्म क्वालिटी में गिरावट आई हो।
  • सर्जरी (Surgery): गंभीर मामलों में, बैरियाट्रिक सर्जरी (weight loss surgery) की सिफारिश की जा सकती है ताकि महत्वपूर्ण वजन घटाने और प्रजनन क्षमता में सुधार हो सके।

निष्कर्ष

मोटापा पुरुष बांझपन में एक महत्वपूर्ण कारक हो सकता है, लेकिन अच्छी बात ये है कि ये एक मॉडिफायबल (modifiable) रिस्क फैक्टर है। अगर आप अपने वजन को सही तरीके से मैनेज करते हैं, स्वस्थ आहार लेते हैं, नियमित रूप से व्यायाम करते हैं और तनाव को नियंत्रित रखते हैं, तो आप अपनी प्रजनन क्षमता को सुधार सकते हैं और अपने परिवार को बढ़ाने के सपने को पूरा कर सकते हैं। अगर लाइफस्टाइल बदलाव पर्याप्त नहीं हैं, तो मेडिकल ट्रीटमेंट्स भी आपके सफर को आसान बना सकते हैं। याद रखें, हर छोटा कदम जो आप स्वस्थ वजन की ओर बढ़ाते हैं, वो आपकी प्रजनन क्षमता और समग्र स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा कदम है।

मोटापा और पुरुष बांझपन से जुड़े सवाल और जवाब

हाँ, थोड़ी सी भी वजन घटाने से आपकी प्रजनन क्षमता में सुधार हो सकता है क्योंकि इससे हॉर्मोन्स संतुलित होते हैं, स्पर्म क्वालिटी बेहतर होती है, और स्क्रोटल टेम्परेचर कम होता है।

मोटापा हॉर्मोन्स के असंतुलन, स्क्रोटल टेम्परेचर में वृद्धि, और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण स्पर्म उत्पादन और क्वालिटी को कम कर सकता है।

फल, सब्जियां, होल ग्रेन्स और लीन प्रोटीन से भरपूर संतुलित आहार प्रजनन क्षमता को बढ़ा सकता है। प्रोसेस्ड फूड्स, शुगर ड्रिंक्स और अनहेल्दी फैट्स से बचें।

हाँ, नियमित शारीरिक गतिविधि हॉर्मोन्स को संतुलित रखने, तनाव को कम करने और स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद करती है, जो प्रजनन क्षमता को बढ़ा सकती है।

हाँ, मोटापे के कारण हुई बांझपन को दूर करने के लिए दवाइयां, असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजीज और कुछ मामलों में सर्जरी जैसे उपाय उपलब्ध हैं।

हाँ, मोटापा कम लिबिडो और इरेक्टाइल डिसफंक्शन से जुड़ा होता है, जो कि प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है।

अपने शरीर के वजन का सिर्फ 5-10% घटाने से भी आपकी प्रजनन क्षमता में काफी सुधार हो सकता है।

हालांकि मोटापा प्रजनन क्षमता को कम कर सकता है, लेकिन इसे आमतौर पर लाइफस्टाइल बदलाव और मेडिकल उपायों से ठीक किया जा सकता है। हालांकि, लंबे समय तक मोटापा रहने से स्थायी बांझपन का खतरा बढ़ सकता है।

हाँ, मोटापा स्पर्म क्वालिटी और हॉर्मोनल बैलेंस पर असर डालता है, जिससे प्राकृतिक गर्भधारण की संभावना कम हो सकती है।

हाँ, मोटापे से जुड़े क्रोनिक स्ट्रेस से हॉर्मोनल असंतुलन हो सकता है, जो प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

About The Author
Dr. Richika Sahay

MBBS (Gold Medalist), DNB (Obst & Gyne), MNAMS, MRCOG (London-UK), Fellow IVF, Fellow MAS, Infertility (IVF) Specialist & Gynae Laparoscopic surgeon,[Ex AIIMS & Sir Gangaram Hospital, New Delhi]. Read more about me

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